आईसी प्रभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ विदेशों के बीच संपर्क और पारस्परिक विमर्श को सुगम बनाने के लिए एक केंद्र बिंदु के रूप में कार्य करता है। यह पशुधन सेक्टर में उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए तकनीकी जानकारियों का लाभ उठाने के उद्देश्य से पूरे विश्व में, विशेष रूप से तकनीकी रूप से उन्नत देशों में हो रहे नवीनतम प्रौद्योगिकीय विकास/प्रगति से भारत के पशुपालन और डेयरी सेक्टरों को अद्यतन रखने का मार्ग प्रशस्त करता है। उसी तरह यह प्रभाग भारत और तकनीकी रूप से पिछड़े राष्ट्रों के साथ ज्ञान साझा करने और उन्हें तकनीकी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से एक सेतु का भी काम करता है, जिससे मैत्रीपूर्ण संबंध भी स्थापित/मजबूत होते हैं।
कार्यकलापों के क्षेत्र |
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i. पशुपालन और डेयरी विभाग और इसके संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों के गणमान्य व्यक्तियों तथा अधिकारियों के आधिकारिक विदेशी दौरों से संबन्धित मामलों/प्रस्तावों संबंधी कार्रवाई। |
ii. पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में सहयोग पर विदेशों/विदेशी निकायों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) / करारों पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रस्तावों से संबन्धित कार्रवाई। विदेशों के साथ डीएएचडी द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन/करारों की सूची। |
iii. मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में गणमान्य व्यक्तियों/डीएएचडी में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की बैठकें आयोजित करना। |
iv. पशुपालन और डेयरी विभाग के अधिकारियों की विदेश यात्राओं के संबंध में भुगतान के लिए हवाई किराए के बिलों से संबन्धित कार्य। |
v. विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (ओआईई), अंतर्राष्ट्रीय डेयरी परिसंघ (आईडीएफ), एशिया के लिए पशु उत्पादन स्वास्थ्य आयोग (एपीएचसीए) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को वार्षिक सदस्यता शुल्क का भुगतान करना। |
vi. अन्य विभागों जैसे विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के साथ आयोजित बैठकों के लिए सूचना का संग्रह करना, उसको समेकित करना और उसे आगे भेजना। |